''सिर्फ मौत पर ही छुट्टी मिलेगी''; कर्मचारी के एक्सीडेंट पर अड़ियल बॉस की बातचीत का स्क्रीनशॉट वायरल, इंटरनेट पर भड़क उठे लोग
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Employee Boss Conversation: प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारी अपने बॉस से बड़ा परेशान रहते हैं। अक्सर उनके बीच यह बातचीत सुनने को मिलती है कि बॉस ने तंग कर रखा है। बहुत काम करा रहा है, छुट्टी नहीं देता है। वहीं अब एक कर्मचारी और बॉस के बीच में बातचीत का ऐसा स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे देखकर आप भी कहेंगे भगवान ऐसा बॉस किसी को न दे। इस स्क्रीनशॉट को इंटरनेट पर देख यूज़र्स काफी भड़क रहे हैं और तरह-तरह प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं।
कर्मचारी के एक्सीडेंट पर अड़ियल बॉस की बातचीत
दरअसल, ऑफिस जाते समय जब कर्मचारी का कार एक्सीडेंट हो गया तो उसने देर से आने के बारे में अपने बॉस को बताया तो उसने दुख जताने के बजाए बड़ी बेढंगी बातचीत की। कर्मचारी का एक्सीडेंट हो गया, इस पर भी बॉस नहीं पसीजा। जब कर्मचारी ने कार एक्सीडेंट की तस्वीर भेजी तो इस पर यह पूछने के बजाय कि कर्मचारी कैसा है।
उसने रिप्लाई करते हुए कहा- ‘मुझे अपडेट रखें कि आप किस समय ऑफिस पहुंचेंगे.’ इतना ही नहीं अगले मैसेज में बॉस ने कहा, ‘यह समझ में आता है कि आप देर से क्यों आएंगे, लेकिन परिवार में किसी की मौत के अलावा कोई भी चीज जो आपको ऑफिस आने से रोकती है, वह किसी भी कंपनी में माफ नहीं की जाती है.’
यानि बॉस का कर्मचारी से कहना था कि, अगर वह छुट्टी चाह रहा है तो उसे नहीं मिलेगी। छुट्टी के लिए मौत के अलावा कोई और बहाना नहीं चलेगा। सिर्फ मौत पर ही छुट्टी मिलेगी।
स्क्रीनशॉट वायरल, इंटरनेट पर भड़क उठे लोग
बॉस बदल लेना चाहिए
इंटरनेट पर एक शख्स ने कहा, ''बॉस की ग़लती नही है इसमें, ग़लती नौकरी करने वाले की है, जब उसको पता है कि बॉस उसका ऐसा है तो जॉब बदला क्यों नहीं। अब कोई फ़ायदा नहीं है।''
कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए
वहीं इंटरनेट पर एक अन्य शख्स का कहना था कि, ऐसी कंपनियों पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।
लोग दिन रात टेंशन में गुजार रहे
एक शख्स ने कहा, ''प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने में इतना दमकी रूप से परेशान कर रहे की लोग दिन रात टेंशन में गुजार रहे हैं। सरकार पर कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए''।
सरकार ने कोई नियम कानून नहीं बनाया
एक शख्स का कहना था, ''प्राइवेट नौकरी वालों के लिए सरकार ने कोई नियम कानून नहीं बनाया है। प्राइवेट नौकरी में तो मालिक की चलती है। काम नहीं करोगे नौकरी से बाहर। सरकारी नौकरी में मजे है। सरकारी नौकरी में कितनी भी छुट्टी ले लो तनख्वाह भी नहीं कटती।''
सरकार पर इस पर काम करे
वहीं एक अन्य शख्स ने कहा, ''सरकार को एक विभाग बनाना चाहिए जो प्रत्येक कंपनी और विभाग के एचआर के नीतियों और फीडबैक की जाँच करे और सुधार हेतु निर्देशित करे। उससे पहले मिनिमम वेज और लेबर लॉ को मजबूत करे।
मालिक को सिर्फ काम से मतलब
एक शख्स का कहना था, ''शायद इसको पता ही नहीं है यह प्राइवेट नौकरी कर रहा है। ना कि सरकारी नौकरी। प्राइवेट नौकरी में बस काम से ही मतलब होता है मलिक को। चाहे कोई बीमार हो या किसी का एक्सीडेंट हो उसको किसी से मतलब नहीं है।
ओवर काम कराया जाता है
वहीं कई लोगों ने कहा, ''आज प्राइवेट दफ्तरों में कर्मचारियों को कर्मचारी नहीं बल्कि गुलाम समझा जाता है। एक तरफ नौकरियां नहीं हैं दूसरी तरफ जिनके पास है, उनके पास ज़िंदगी नहीं है। मजबूरी का फायदा उठाकर बॉस या मालिक दस का काम तीन से करवाते हैं। और नौकरीशुदा नौकरीजुदा होने के डर से चुपचाप सब सहते जाते हैं।